नई दिल्ली, 16 अप्रैल (VOICE) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से पूछा कि शीर्ष अदालत को सीधे उसके समक्ष दायर रिट याचिकाओं पर विचार क्यों करना चाहिए और मामले को उच्च न्यायालय में क्यों नहीं भेजना चाहिए। शुरुआत में ही सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा: “हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष दो पहलुओं पर विचार करें। पहला, क्या हमें रिट याचिकाओं पर विचार करना चाहिए या इसे उच्च न्यायालय में भेजना चाहिए? दूसरा, आप (याचिकाकर्ता) क्या तर्क देना चाहते हैं?”
न्यायमूर्ति संजय कुमार और के.वी. विश्वनाथन की पीठ एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा दी जा रही दलीलें सुन रही है।
वक्फ अधिनियम, 1995 में हाल ही में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष कई याचिकाएँ दायर की गई हैं।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं के जवाब में,