नई दिल्ली, 15 अप्रैल (VOICE) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने पिछले आदेश को अगले सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया, जिसमें महाराष्ट्र कैडर की बर्खास्त प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था, जिन पर कथित तौर पर गलत ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी (बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति) प्रमाण पत्र जमा करने और अपनी पहचान को गलत बताते हुए सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रदान की गई अनुमेय सीमाओं से परे धोखाधड़ी से प्रयास करने का आरोप है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और एससी शर्मा की पीठ ने खेडकर के वकील द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद कार्यवाही स्थगित करने का फैसला किया कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर जवाबी हलफनामे का जवाब दायर किया गया है, लेकिन अभी तक रिकॉर्ड पर नहीं आया है। मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को तय करते हुए न्यायमूर्ति नागरत्ना की अगुवाई वाली पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से खेडकर की ओर से दायर जवाबी हलफनामे की स्थिति को सत्यापित करने के लिए कहा और इस बीच, अंतरिम राहत को बढ़ाने का आदेश दिया। इससे पहले की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने धीमी गति से जांच करने के लिए दिल्ली पुलिस से सवाल किया था।