नई दिल्ली, 4 फरवरी (VOICE) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को असम सरकार को अवैध अप्रवासियों को ‘अनिश्चित काल’ तक हिरासत केंद्रों में रखने और उनके विदेशी पते न होने के कारण उन्हें वापस न भेजने के लिए फटकार लगाई। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने असम के मुख्य सचिव से कहा कि एक बार जब इन अवैध अप्रवासियों को विदेशी घोषित कर दिया जाता है, तो उन्हें अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। न्यायमूर्ति ओका की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “एक बार जब उन्हें विदेशी घोषित कर दिया जाता है, तो उन्हें तुरंत निर्वासित कर दिया जाना चाहिए। आप उनकी नागरिकता की स्थिति जानते हैं। फिर आप उनके पते मिलने तक कैसे इंतजार कर सकते हैं? यह दूसरे देश को तय करना है कि उन्हें कहां जाना चाहिए।” अवैध अप्रवासियों के वास्तविक पते के बिना निर्वासन नहीं किया जा सकता है, इस दलील को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इन विदेशियों को उनके राजधानी शहर में निर्वासित किया जाना चाहिए। “एक बार जब आप किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित कर देते हैं, तो आपको