नई दिल्ली, 15 अप्रैल (VOICE) भारत सरकार के हस्तक्षेप से सऊदी हज मंत्रालय ने निजी हज संचालकों को जीवनदान दिया है, जिनका करीब 10,000 तीर्थयात्रियों को भेजने का कोटा दस्तावेजों में देरी के कारण रद्द हो गया था। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (एमओएमए) ने कहा कि सऊदी हज मंत्रालय ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए सभी भारतीय संयुक्त हज समूह संचालकों (सीएचजीओ) के लिए हज पोर्टल (नुसुक पोर्टल) को फिर से खोलने पर सहमति जताई है, ताकि वे 10,000 तीर्थयात्रियों के संबंध में अपना काम पूरा कर सकें। पोर्टल को पहले बंद कर दिया गया था, क्योंकि सीएचजीओ ने सऊदी नियमों के तहत मीना कैंप, आवास और तीर्थयात्रियों के परिवहन सहित अनिवार्य अनुबंधों को अंतिम रूप देने के लिए सऊदी अधिकारियों द्वारा निर्धारित आवश्यक समयसीमा का पालन करने में विफल रहे थे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अब हज समूह संचालकों को सऊदी अधिकारियों द्वारा दी गई विशेष छूट का लाभ उठाने और औपचारिकताओं को तत्काल पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं।