नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (VOICE) राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहना मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 7.30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 336 था। राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया – 301 से 400 के बीच। सीपीसीबी के अनुसार, दिन के दौरान, उन स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में गिरने की उम्मीद है, जहां एक्यूआई 400 के करीब है। द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि भारत के 10 शहरों में अल्पकालिक वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हर साल 33,000 लोगों की जान जाती है और दिल्ली हर साल 12,000 मौतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के न्यूरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पीएन रेनजेन ने VOICE को बताया कि प्रदूषण शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य दोनों के लिए एक बड़ा खतरा है।
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