भारत ने स्थानीय किसानों को समर्थन देने और घरेलू कीमतों को स्थिर रखने के उद्देश्य से 1 नवंबर से पीली मटर पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। बुधवार देर रात जारी एक सरकारी अधिसूचना के माध्यम से नए शुल्क की पुष्टि की गई।
आदेश के अनुसार, 31 अक्टूबर, 2025 या उससे पहले की तारीख वाले बिल ऑफ लैडिंग वाले किसी भी शिपमेंट को नए शुल्क से छूट दी जाएगी। इससे पहले, भारत ने 31 मार्च, 2026 तक पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दी थी, लेकिन घरेलू उत्पादकों के बढ़ते दबाव के कारण अधिकारियों को इस नीति पर पुनर्विचार करना पड़ा। भारत भर के किसानों ने चिंता व्यक्त की थी कि सस्ते विदेशी मटर की बढ़ती मांग के कारण बाजार में कीमतें गिर रही हैं, और उन्होंने सरकार से जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
यह निर्णय दुनिया के सबसे बड़े दाल उपभोक्ताओं में से एक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। भारत पीली मटर का शीर्ष वैश्विक आयातक है, जो अपनी अधिकांश आपूर्ति कनाडा और रूस से प्राप्त करता है। नए शुल्क से दोनों देशों के निर्यातकों, खासकर कनाडा के किसानों पर असर पड़ने की उम्मीद है, जो एक प्रमुख दाल बाजार के रूप में भारत पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम का वैश्विक मटर की कीमतों और व्यापार गतिशीलता पर प्रभाव पड़ सकता है, साथ ही भारतीय किसानों को स्थानीय बाजार में मजबूत पकड़ बनाने में भी मदद मिल सकती है। यह कदम भारत और कनाडा के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच उठाया गया है, क्योंकि दोनों देश महीनों के राजनयिक तनाव के बाद तनाव कम करने और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।



