नई दिल्ली, 9 दिसंबर (VOICE) सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय पेशेवर सक्रिय रूप से एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल बढ़ाने के अवसरों की तलाश कर रहे हैं, विभिन्न सरकारी पहलों के कारण देश तकनीकी अनुकूलन में ग्लोबल साउथ का नेतृत्व कर रहा है। कार्यबल विकास और श्रम बाजार अंतर्दृष्टि के लिए दुनिया के प्रमुख मंच ग्लोबल लेबर मार्केट कॉन्फ्रेंस (जीएलएमसी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जबकि सरकारों पर कौशल बढ़ाने का समर्थन करने का वैश्विक भरोसा 20 प्रतिशत पर कम है, भारतीय उत्तरदाताओं (31 प्रतिशत) और सऊदी अरब (35 प्रतिशत) ने अपनी सरकारों में काफी अधिक विश्वास प्रदर्शित किया। तकनीकी प्रगति के कारण कौशल बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता भारतीय श्रमिकों के बीच एक साझा चिंता है, 55 प्रतिशत को डर है कि अगले पांच वर्षों में उनके कौशल आंशिक रूप से या पूरी तरह से अप्रचलित हो सकते हैं। यह भारत को वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप बनाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कौशल बढ़ाने पर भारत का सक्रिय रुख (55 प्रतिशत)