नई दिल्ली, 17 अप्रैल (VOICE) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इसकी शुरुआत के बाद से भारत की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के कारण पहले होने वाली लीकेज में कमी के कारण 3.48 लाख करोड़ रुपये की संचयी बचत हुई है और लाभार्थी कवरेज में 11 करोड़ से 176 करोड़ तक 16 गुना वृद्धि हुई है। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार। चूंकि पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जाता है, इसलिए लीकेज पर अंकुश लगा है, जिसके परिणामस्वरूप सब्सिडी आवंटन कुल व्यय के 16 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत हो गया है। अध्ययन में कहा गया है, “डीबीटी ने पारदर्शिता बढ़ाकर, लीकेज पर अंकुश लगाकर और सटीक निधि वितरण सुनिश्चित करके कल्याणकारी वितरण को फिर से परिभाषित किया है।” यह नीति दस्तावेज बजटीय दक्षता, सब्सिडी युक्तिकरण और सामाजिक परिणामों पर डीबीटी के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक दशक (2009-2024) के आंकड़ों का मूल्यांकन करता है। नव विकसित कल्याण दक्षता सूचकांक (WEI), जो राजकोषीय और सामाजिक लाभ को मापता है, 2014 में 0.32 से बढ़कर 2016 में 0.32 हो गया।