कोलकाता, 13 फरवरी (आईएएनएस) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को अगले सप्ताह अदालत में उपस्थित होने और राज्य में चिटफंड संस्थाओं की जमा योजनाओं में निवेश करने के बाद धन गंवाने वाले पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए गठित समिति के साथ राज्य सरकार के कथित असहयोग से संबंधित मामले में राज्य सरकार के बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए तलब किया है। चक्रवर्ती को 20 फरवरी को न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कंठ की खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होना होगा और मामले में आरोपों पर राज्य सरकार की टिप्पणी को स्पष्ट करना होगा। पिछले एक दशक में राज्य में चिटफंड या पोंजी संस्थाओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, ऐसी संदिग्ध संस्थाओं की मल्टी-लेवल-मार्केटिंग योजनाओं में जमा करके करोड़ों रुपये गंवाने वाले पीड़ितों को उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया था जिसमें राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया था कि वह समय सीमा नहीं बढ़ा रही है।



