श्रीनगर, 16 अप्रैल (VOICE) पूर्व रॉ प्रमुख ए.एस. दुलत ने अपनी हालिया किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ में जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के लिए यह लिखकर खलबली मचा दी है कि ‘पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समय गुप्त रूप से मौजूद थे।’ सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने दुलत के दावे को यह कहकर खारिज कर दिया है कि ‘यह एक काल्पनिक बात है’, लेकिन इसके बावजूद, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं ने पहले ही डॉ. फारूक अब्दुल्ला के कथित रुख पर बहस और सवाल उठाना शुरू कर दिया है, जैसा कि दुलत ने दावा किया है।
370 को हटाए जाने से कुछ दिन पहले फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए दुलत लिखते हैं: “बैठक के दौरान क्या हुआ, यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से इसका कभी जिक्र नहीं किया।” दुलत के लिए, 2019 में फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी “कश्मीर की सबसे दुखद कहानी” थी क्योंकि एनसी संरक्षक ने एक बातचीत के दौरान उनकी नजरबंदी पर सवाल उठाया था