जयपुर, 29 नवंबर (VOICE) अजमेर शरीफ दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन ने शुक्रवार को कहा कि वे याचिका का कानूनी जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। याचिका में दावा किया गया है कि “प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह मूल रूप से शिव मंदिर थी।” आबेदीन ने मीडियाकर्मियों से कहा, “कोई ठोस तथ्य नहीं हैं। हम इसका कानूनी रूप से अदालत में जवाब देंगे। हमारे पास वकीलों का एक पैनल भी है।” उन्होंने संभल मामले के संबंध में आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार भी जताया। उन्होंने कहा, “मैं लोगों से अपील करता हूं कि हमें शांति बनाए रखनी चाहिए और अपनी तरफ से ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे विवाद पैदा हो। हमारे पास कानूनी अधिकार हैं, हमें अदालत में जाना चाहिए।” अजमेर सिविल कोर्ट वेस्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की विश्व प्रसिद्ध दरगाह मूल रूप से संकट मोचन महादेव मंदिर थी। बुधवार, 27 नवंबर को अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और संबंधित अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, दरगाह को नोटिस भी जारी किया।