नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (VOICE) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान, गुवाहाटी के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) ने गुरुवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल (बीबीआईएल) के साथ एक महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास सहयोग और उत्पाद विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस साझेदारी का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के पारंपरिक किण्वित खाद्य पदार्थों से अलग किए गए प्रोबायोटिक्स से विकसित अभिनव स्वास्थ्य उत्पादों को बाजार में लाना है। इससे पूर्वोत्तर भारत की जैव अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
आईएएसएसटी के शोध के अनुसार, ये प्रोबायोटिक्स देश में मधुमेह और मोटापे जैसी बढ़ती चयापचय संबंधी बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। यह आंत के स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है और स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा दे सकता है।
समझौते की अध्यक्षता करने वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “यह सहयोग इन संभावित प्रोबायोटिक्स के लिए आवश्यक प्री-क्लीनिकल और क्लीनिकल अध्ययनों की सुविधा प्रदान करेगा।”
आईएएसएसटी के निदेशक प्रोफेसर आशीष मुखर्जी